फिटनेस फेल? तो गाड़ी का खेल खत्म! स्क्रैप पॉलिसी का सख्त कानून, स्क्रैप सर्टिफिकेट नहीं? फिर गाड़ी चलेगी नहीं!

अगर आपकी गाड़ी 15 साल पुरानी है और आप सोच रहे हैं कि चलती तो है, तो चलने दो — तो अब ज़रा ध्यान दीजिए। सरकार की नई स्क्रैप पॉलिसी के तहत 2.45 लाख पुरानी गाड़ियाँ जल्द ही सड़कों से हटाई जाएँगी। यह नियम सिर्फ दिखावे के लिए नहीं, बल्कि पूरी सख्ती से लागू होने वाला है। केंद्र सरकार ने साफ कर दिया है कि जो वाहन तय सीमा से ज़्यादा पुराने हो चुके हैं, वो अब चलने के काबिल नहीं माने जाएँगे। इस स्क्रैप पॉलिसी का असर पूरे देश में पड़ेगा, खासकर उन लोगों पर जो अब भी 15-20 साल पुरानी Maruti, Hyundai या Mahindra जैसी गाड़ियाँ चला रहे हैं।

क्या है स्क्रैप पॉलिसी और कैसे लागू हो रही है

स्क्रैप पॉलिसी का मकसद साफ है — सड़कों से प्रदूषण फैलाने वाले और पुराने हो चुके वाहनों को हटाना। 2021 में घोषित इस पॉलिसी को अब ज़मीन पर तेजी से लागू किया जा रहा है। हाल ही में सरकार ने घोषणा की है कि करीब 2.45 लाख वाहनों को स्क्रैप करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इनमें से ज़्यादातर सरकारी गाड़ियाँ हैं जो 15 साल से ज़्यादा पुरानी हो चुकी हैं। लेकिन अब यह नियम प्राइवेट गाड़ियों पर भी लागू होने वाला है। यानी आपकी पुरानी Honda City या Tata Safari भी अब कबाड़ी के हवाले हो सकती है।

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कौन-कौन सी गाड़ियाँ आएँगी स्क्रैप के दायरे में

स्क्रैप पॉलिसी के तहत वे गाड़ियाँ आती हैं जो या तो 15 साल पुरानी हैं (पेट्रोल कारें) या 10 साल (डीजल कारें) और उनका फिटनेस टेस्ट पास नहीं होता। अब अगर आपकी कार Toyota या Ford की है और 2009 से पहले रजिस्टर्ड है, तो खतरे की घंटी बज चुकी है। खास बात यह है कि सिर्फ पुराना होना ही काफी नहीं, यदि आपकी गाड़ी बढ़ते प्रदूषण के मानकों पर खरी नहीं उतरती, तो वह भी स्क्रैप के लायक मान ली जाएगी।

फायदा क्या मिलेगा गाड़ी स्क्रैप करवाने पर

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अब आप सोच रहे होंगे कि हमारी गाड़ी सरकार ने ले ली तो हमें क्या मिलेगा? तो यहां थोड़ी राहत की बात है। स्क्रैप पॉलिसी के तहत अगर आप अपनी पुरानी गाड़ी स्क्रैप कराते हैं तो आपको नया वाहन खरीदने पर कुछ छूट मिल सकती है। जैसे रोड टैक्स में 25% तक की छूट, रजिस्ट्रेशन चार्ज में रियायत और स्क्रैप सर्टिफिकेट के बदले कुछ एक्स्ट्रा डिस्काउंट। मतलब अगर आप Kia, Skoda या MG की नई कार लेना चाहते हैं, तो स्क्रैप पॉलिसी से थोड़ी जेब हल्की हो सकती है।

पुरानी कार रखने पर क्या होगी कार्रवाई

अगर आपकी गाड़ी तय समयसीमा से ज़्यादा पुरानी है और आपने अभी तक उसे स्क्रैप नहीं कराया है, तो अब यह गैरकानूनी माना जाएगा। गाड़ी जब्त हो सकती है, भारी जुर्माना लग सकता है और यहां तक कि आपकी गाड़ी चलाते पकड़े जाने पर केस भी दर्ज हो सकता है। सरकार ने RTO को सख्त निर्देश दिए हैं कि फिटनेस टेस्ट में फेल गाड़ियों को सड़कों से हटाया जाए। ऐसे में अब अपने Chevrolet Beat या Fiat Punto से बहुत ज़्यादा प्यार करने का वक्त नहीं रहा।

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कहाँ और कैसे स्क्रैप करवा सकते हैं गाड़ी

देशभर में अब सरकार और प्राइवेट कंपनियों की मदद से ऑथराइज्ड स्क्रैपिंग सेंटर खोले जा रहे हैं। यहां आप अपनी पुरानी गाड़ी के कागज़ात के साथ पहुँच सकते हैं और प्रोसेस पूरा कर सकते हैं। जैसे ही गाड़ी स्क्रैप होगी, आपको एक सर्टिफिकेट मिलेगा जो नई कार खरीदने में काम आ सकता है। ध्यान रहे, स्क्रैप करते समय RTO से नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) और इंश्योरेंस पेपर्स भी ज़रूरी होंगे।

पुरानी यादों को छोड़ना मुश्किल, पर ज़रूरी

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कई लोगों के लिए उनकी पहली कार एक इमोशनल चीज होती है। चाहे वो पुरानी Maruti 800 हो या फिर कोई हट्टी-कट्टी Ambassador, उससे जुड़ी यादें जीवनभर रहती हैं। लेकिन सच्चाई यह है कि ये गाड़ियाँ अब न तो सुरक्षित हैं, न ही पर्यावरण के लिहाज़ से सही। स्क्रैप पॉलिसी ऐसे ही बदलाव लाने का एक जरिया है जो न सिर्फ साफ हवा का वादा करती है, बल्कि सड़क सुरक्षा और नई टेक्नोलॉजी को भी बढ़ावा देती है।

गाड़ियों की दुनिया में बदलाव की आंधी चल पड़ी है

2025 तक लाखों पुराने वाहन भारत की सड़कों से हटाए जाएँगे। ऐसे में अब वक्त आ गया है कि लोग अपनी पुरानी कारों को अलविदा कहें और नई, सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल गाड़ियों की ओर बढ़ें। स्क्रैप पॉलिसी एक मौका है – पुराना छोड़कर नया अपनाने का। जो लोग अब भी सोच रहे हैं कि चलती है तो चलने दो, उन्हें अब समझ जाना चाहिए कि कानून से बड़ा कुछ नहीं होता। और जब गाड़ियों की दुनिया में नया जमाना आ रहा है, तो पुरानी रफ्तार को कबाड़ में डालना ही समझदारी है।

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यह लेख केवल सूचना के लिए है। किसी भी निर्णय से पहले स्वयं शोध करें। लेखक या प्रकाशक किसी नुकसान के लिए ज़िम्मेदार नहीं हैं।

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