अब अगर आप ऑफिस से घर लौटते समय Ola, Uber या Rapido बुक कर रहे हैं, तो थोड़ा जेब संभाल लीजिए। सरकार ने एक ऐसा नियम लागू कर दिया है जिससे इन कैब और बाइक टैक्सी कंपनियों को अब ज्यादा पैसे वसूलने की खुली छूट मिल गई है। खासकर पीक ऑवर यानी जब ट्रैफिक अपने चरम पर होता है और लोग जल्दी से जल्दी घर पहुंचना चाहते हैं, उस समय किराया दोगुना तक हो सकता है। वहीं दूसरी तरफ, बाइक टैक्सी को भी अब आधिकारिक मंजूरी दे दी गई है, जिससे Rapido जैसी कंपनियों को नई उड़ान मिलने वाली है।
पीक ऑवर में Ola Uber ले सकेंगे डबल किराया
सरकार के नए नियमों के मुताबिक अब Ola, Uber और Rapido जैसी कैब कंपनियों को यह अधिकार मिल गया है कि वे ट्रैफिक और डिमांड के हिसाब से अपना किराया तय कर सकें। खासकर सुबह 8 से 11 बजे और शाम 5 से 9 बजे तक के समय को पीक ऑवर माना जाएगा। इन घंटों में Ola और Uber जैसी कंपनियां दोगुना किराया वसूल सकेंगी। अब अगर किसी दिन बारिश हो या त्योहार हो और लोग घर जाने को बेताब हों, तो ये कंपनियां अपनी मर्जी से किराया बढ़ा सकती हैं।
सरकार का कहना है कि इससे ड्राइवरों को बेहतर आमदनी मिलेगी और यात्रियों को भी सुविधा मिलती रहेगी। लेकिन आम जनता को यह बदलाव कुछ ज्यादा महंगा पड़ सकता है, खासकर उन लोगों के लिए जो रोजाना Ola या Uber से सफर करते हैं।
बाइक टैक्सी को मिली मंजूरी, Rapido को मिलेगा फायदा
इस नए नियम में एक और बड़ा फैसला लिया गया है — बाइक टैक्सी को भी अब कानूनी मंजूरी मिल गई है। यानी अब Rapido जैसी सेवाएं सरकार की निगरानी में कानूनी रूप से काम कर सकेंगी। पहले कई राज्यों में बाइक टैक्सी को लेकर भ्रम की स्थिति थी। कहीं यह गैरकानूनी मानी जा रही थी तो कहीं चालान कट रहे थे। लेकिन अब केंद्र सरकार ने इसे साफ-साफ मंजूरी देकर बाइक टैक्सी ऑपरेटरों को राहत दी है।
Rapido जैसी कंपनियों के लिए यह फैसला बहुत बड़ा बूस्ट साबित हो सकता है, क्योंकि कम दूरी की यात्राओं के लिए लोग बाइक टैक्सी को ज्यादा पसंद करते हैं। छोटे शहरों से लेकर बड़े महानगरों तक, बाइक टैक्सी का चलन अब और तेज़ी से बढ़ने वाला है।
कैब कंपनियों को सर्ज प्राइसिंग की खुली छूट
सरकार के इस नए फैसले से Ola, Uber और Rapido जैसी कंपनियों को सर्ज प्राइसिंग की पूरी आज़ादी मिल गई है। अब ये कंपनियां अपने ऐप्स पर डिमांड के हिसाब से किराया बढ़ा सकेंगी। यह सुविधा पहले से ही इन ऐप्स में मौजूद थी लेकिन अब इसे कानूनी मान्यता मिल गई है। यानी अगर किसी दिन बहुत ज़्यादा लोग Ola या Uber बुक कर रहे हैं, तो किराया सामान्य से काफी अधिक हो सकता है।
सवाल ये उठता है कि आम आदमी क्या करेगा? खासकर नौकरीपेशा लोग, जिन्हें रोजाना ट्रैफिक में फंस कर सफर करना होता है, उनके लिए यह सर्ज प्राइसिंग जेब पर भारी पड़ सकती है। वहीं कंपनियों का कहना है कि इससे ड्राइवरों को मोटिवेशन मिलेगा और ज्यादा गाड़ियाँ सड़कों पर उपलब्ध रहेंगी।
अब लाइसेंस और सेफ्टी नियम भी होंगे सख्त
इस फैसले के साथ ही सरकार ने यह भी साफ कर दिया है कि बाइक टैक्सी ऑपरेटरों को रजिस्ट्रेशन, लाइसेंस और सेफ्टी से जुड़े सभी नियमों का पालन करना होगा। मतलब अब Rapido जैसी सेवाओं को पूरी तरह से वैध रूप में काम करना होगा, लेकिन साथ ही हर बाइक टैक्सी ड्राइवर को नियमों की सख्ती से पालन करना होगा।
यह फैसला आम जनता की सुरक्षा को देखते हुए लिया गया है, ताकि कोई भी अनजान या बिना दस्तावेज वाला व्यक्ति टैक्सी ड्राइवर न बन पाए। इसके अलावा, महिला यात्रियों की सुरक्षा के लिए भी ऐप में SOS बटन, लाइव लोकेशन और ड्राइवर की प्रोफाइल जैसी सुविधाएं पहले से और बेहतर की जाएंगी।
Ola Uber Rapido पर अब जनता बोलेगी: सुविधा या लूट?
अब ये देखना दिलचस्प होगा कि Ola, Uber और Rapido के इस नए किराया मॉडल पर आम जनता क्या प्रतिक्रिया देती है। एक तरफ तो लोगों को अपने मोबाइल से ही चंद मिनटों में गाड़ी मिल जाती है, लेकिन दूसरी तरफ जेब से दो गुना किराया देना पड़े तो मन खट्टा भी हो सकता है। सरकार ने जहां ड्राइवरों को राहत देने की बात कही है, वहीं सवारी करने वालों के लिए यह सिस्टम थोड़ा चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
गाँव-कस्बों से लेकर बड़े शहरों तक अब लोग इन सेवाओं को अपनाते जा रहे हैं। बाइक टैक्सी की मंजूरी के बाद अब यह तय है कि सड़कों पर Rapido की रफ्तार और बढ़ेगी। लेकिन साथ ही यह भी ज़रूरी है कि किराए की निगरानी बनी रहे ताकि सुविधा का नाम लेकर लोगों की जेब काटने का धंधा न चले।
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