EV खरीदारी पर लगा ब्रेक, दाम सुनके उड़े होश, सरकारी सब्सिडी गई, जेब जल गई

अगर आप नई Electric Vehicle लेने का प्लान बना रहे हैं, तो अब ज़रा रुककर दोबारा सोच लीजिए। सरकार की तरफ से दी जाने वाली FAME II सब्सिडी 30 जून 2025 को खत्म हो गई है, और 1 जुलाई से EV की कीमतों में बढ़ोतरी शुरू हो चुकी है। यह फैसला न सिर्फ ग्राहकों की जेब पर असर डालेगा, बल्कि इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री पर भी सीधा प्रभाव डाल सकता है। महाराष्ट्र समेत कई राज्यों में इसका असर साफ दिखने लगा है।

Electric Vehicles की कीमतों में हुई बढ़ोतरी

1 जुलाई 2025 से देशभर में Electric Vehicles की कीमतों में बड़ा बदलाव देखने को मिला है। FAME II स्कीम के अंत होते ही कई कंपनियों ने अपने इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर और थ्री-व्हीलर की कीमतों में इजाफा कर दिया है। पुणे जैसे शहरों में जहां पहले EV को अपनाने की रफ्तार तेज थी, वहां अब लोगों की जेब पर ज्यादा भार पड़ रहा है। ग्राहक जो पहले सब्सिडी का फायदा उठाकर सस्ती इलेक्ट्रिक गाड़ी ले रहे थे, अब उन्हीं गाड़ियों के लिए ज्यादा पैसा चुकाना पड़ेगा।

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FAME II स्कीम बंद होने से बाजार में हलचल

FAME II स्कीम को सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए 2019 में शुरू किया था। इसका मकसद था कि लोग पेट्रोल-डीज़ल छोड़कर Electric Vehicles की तरफ रुख करें। इस योजना के तहत ग्राहकों को सीधे वाहन की कीमत में सब्सिडी मिलती थी, जिससे EV सस्ती हो जाती थी। लेकिन अब इस स्कीम का समय पूरा हो गया है और सरकार ने इसे आगे बढ़ाने की कोई घोषणा नहीं की है। इसके चलते EV निर्माता कंपनियों ने दाम बढ़ाने शुरू कर दिए हैं।

टू-व्हीलर और थ्री-व्हीलर सेक्टर पर सबसे ज्यादा असर

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Electric Vehicles की कीमतों में बढ़ोतरी का सबसे ज्यादा असर टू-व्हीलर और थ्री-व्हीलर सेक्टर में देखने को मिल रहा है। खासकर वो ग्राहक जो सिटी राइड या डेली कम्यूट के लिए सस्ते EV खरीदते थे, अब उन्हें झटका लग रहा है। कई ब्रांड्स जैसे कि Ola, Ather, और TVS ने अपने मॉडल्स की कीमतों में बदलाव की पुष्टि कर दी है। पुणे, नागपुर, लखनऊ, बनारस जैसे शहरों में डीलरशिप्स पर भी इसकी पुष्टि हो चुकी है कि लोगों का उत्साह थोड़ा कम हुआ है।

महाराष्ट्र के बाजार में दिखा शुरुआती असर

महाराष्ट्र खासतौर पर पुणे, जो EV अपनाने में सबसे आगे रहा है, वहां भी Electric Vehicles की बिक्री पर असर दिखने लगा है। डीलर्स का कहना है कि पहले जहां लोग बिना सोचे EV खरीद लेते थे, अब वे पहले दाम और फीचर्स देखकर तुलना कर रहे हैं। बढ़े हुए दामों के बाद अब EV खरीदना हर किसी के बजट में नहीं बैठ रहा, खासकर उन ग्राहकों के लिए जो पहली बार इलेक्ट्रिक गाड़ी लेने का सोच रहे थे।

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ग्राहकों के लिए क्या हैं विकल्प?

Electric Vehicles की कीमत बढ़ने के बावजूद ग्राहक पूरी तरह निराश नहीं हैं। कई कंपनियाँ अब नए ऑफर्स और EMI स्कीम्स के जरिए ग्राहकों को लुभाने की कोशिश कर रही हैं। कुछ ब्रांड्स ने सीमित समय के लिए डिस्काउंट्स भी शुरू किए हैं ताकि बाजार की रफ्तार धीमी न हो। इसके अलावा कुछ राज्य सरकारें अब अपनी तरफ से EV को प्रोत्साहन देने के लिए नई सब्सिडी योजना लाने की बात कर रही हैं, ताकि Electric Vehicles पर से भार थोड़ा कम हो सके।

EV निर्माता कंपनियों की अगली चाल पर नजर

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Electric Vehicles की बिक्री बनाए रखने के लिए कंपनियाँ भी रणनीति बदल रही हैं। Ola और Ather जैसी कंपनियाँ नए मॉडल्स और बैटरी रेंज बढ़ाने पर फोकस कर रही हैं, ताकि ग्राहक बढ़े हुए दाम के बावजूद गाड़ी खरीदने को तैयार रहें। वहीं कुछ कंपनियाँ FAME II स्कीम के खत्म होने से पहले स्टॉक क्लियरेंस सेल के जरिए पुराने मॉडल्स बेचने में जुटी थीं। अब आने वाले महीनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि कंपनियाँ कितनी तेजी से अपनी योजनाओं को बदलती हैं।

बढ़ते दामों के बावजूद EV का जलवा रहेगा बरकरार

भले ही Electric Vehicles की कीमतें बढ़ी हों, लेकिन शहरों में EV की लोकप्रियता में खास गिरावट देखने को नहीं मिली है। लोग अब भी इसे फ्यूचर की गाड़ी मानते हैं। पेट्रोल-डीज़ल की कीमतें और मेंटेनेंस कॉस्ट जब तक ऊंची रहेंगी, तब तक EV एक बेहतर विकल्प बना रहेगा। ग्रामीण इलाकों में थोड़ी रुकावट जरूर आ सकती है, लेकिन शहरों में अभी भी EV का क्रेज बना हुआ है।

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डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सूचना के लिए है। किसी भी निर्णय से पहले स्वयं शोध करें। लेखक या प्रकाशक किसी भी प्रकार के नुकसान के लिए ज़िम्मेदार नहीं हैं।

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