अगर आप भी सोच रहे हैं कि महंगे पेट्रोल-डीज़ल से छुटकारा मिले और स्टाइल के साथ साथ बचत भी हो, तो अब आपके लिए एक तगड़ा ऑप्शन आ गया है। नए इलेक्ट्रिक स्कूटर ने न सिर्फ शहरों में, बल्कि गांव-कस्बों तक अपनी धाक जमा ली है। चाहे कॉलेज जाने वाले युवा हों या दूध-सब्ज़ी ले जाने वाले परिवार वाले, अब सभी की नज़र एक दमदार, सस्ता और भरोसेमंद इलेक्ट्रिक स्कूटर पर टिकी है।
इलेक्ट्रिक स्कूटर की बढ़ती मांग और माइलेज का कमाल
आज के समय में सबसे बड़ी चिंता है – माइलेज और खर्चा। ऐसे में इलेक्ट्रिक स्कूटर एक तरह से रामबाण इलाज बन गया है। नए इलेक्ट्रिक स्कूटर की सबसे बड़ी खूबी है इसका माइलेज। एक बार फुल चार्ज करने पर ये स्कूटर करीब 100 से 120 किलोमीटर तक की दूरी आराम से तय कर लेता है, वो भी बिना एक रुपया पेट्रोल जलाए। गांव वालों के लिए जहां छोटी दूरी के काम अधिक होते हैं, जैसे मंडी जाना, बच्चों को स्कूल छोड़ना या खेत पर जाना – वहां ये स्कूटर सबसे किफायती और आसान साधन बन रहा है।
कीमत और बैटरी – दोनों में सुकून
नए इलेक्ट्रिक स्कूटर की कीमत की बात करें तो ये 70,000 रुपये से शुरू होकर 1 लाख रुपये तक जाती है। इसमें अलग-अलग वेरिएंट मिलते हैं, जो ग्राहक अपनी ज़रूरत और बजट के हिसाब से चुन सकते हैं। सबसे खास बात है इसकी बैटरी – यह लिथियम-आयन टेक्नोलॉजी पर आधारित होती है, जो 4 से 5 घंटे में फुल चार्ज हो जाती है। चार्जिंग के लिए किसी महंगे सेटअप की जरूरत नहीं, सीधा घर के पंखे वाले प्लग में लगा दो, और स्कूटर तैयार हो जाएगा।
इलेक्ट्रिक स्कूटर में मिलते हैं स्मार्ट फीचर्स
अब बात करें फीचर्स की, तो इलेक्ट्रिक स्कूटर सिर्फ सादा नहीं, बल्कि काफी स्मार्ट हो गया है। इसमें डिजिटल डिस्प्ले, मोबाइल कनेक्टिविटी, जीपीएस ट्रैकिंग, रीजनरेटिव ब्रेकिंग जैसे हाईटेक फीचर्स मिलते हैं। कुछ वेरिएंट्स में तो रिवर्स गियर और पार्किंग मोड भी दिए गए हैं, जिससे स्कूटर चलाना और पार्क करना बेहद आसान हो जाता है। गांव में जहां अक्सर रास्ते संकरे होते हैं, वहां ये स्मार्ट फीचर्स बड़े काम आते हैं।
कम मेंटेनेंस, ज्यादा मस्ती
जहां पेट्रोल गाड़ियाँ हर महीने मैकेनिक के पास जाने को मजबूर करती हैं, वहीं इलेक्ट्रिक स्कूटर को मेंटेनेंस की ज़रूरत बहुत कम होती है। इसमें ना तो इंजन ऑयल बदलवाना पड़ता है और ना ही गियर की झंझट होती है। बैटरी और मोटर ही इसका दिल है, और ये दोनों काफी टिकाऊ माने जाते हैं। यानी एक बार पैसा लगाया, तो कई साल तक बिना सिरदर्द के मस्ती से चलाओ।
गांव और कस्बों में क्यों बन रहा है इलेक्ट्रिक स्कूटर नंबर वन चॉइस
उत्तर भारत के गांवों और कस्बों में अब इलेक्ट्रिक स्कूटर तेजी से पॉपुलर हो रहा है। इसकी वजह है – कम कीमत, ज़्यादा माइलेज, और आसान चार्जिंग। किसान, दुकानदार, छात्र – हर कोई अब इलेक्ट्रिक स्कूटर की ओर खिंच रहा है। पहले जहां स्कूटर चलाना सिर्फ शहरी लोगों का स्टाइल माना जाता था, अब गांव की गलियों में भी सुबह-सुबह बैटरी वाला स्कूटर खड़खड़ाता हुआ निकलता है, तो सबकी नज़र ठहर जाती है। और जब कोई पूछता है – “भइया, पेट्रोल भरवाए बिना कैसे चल रही गाड़ी?” तो जवाब होता है – “अब बिजली वाली स्कूटर है, गांव भी होशियार हो गया है!”
सरकार भी कर रही है इलेक्ट्रिक स्कूटर को बढ़ावा
सरकार की तरफ से भी इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। कुछ राज्यों में सब्सिडी दी जा रही है, जिससे स्कूटर की कीमत और कम हो जाती है। इसके अलावा ईवी चार्जिंग स्टेशनों का नेटवर्क भी धीरे-धीरे गांवों और कस्बों तक फैलाया जा रहा है, ताकि आने वाले समय में इलेक्ट्रिक स्कूटर को अपनाना और भी आसान हो जाए।
अब गांव की रफ्तार में भी होगी बिजली की तेजी
अब समय आ गया है जब गांव की रफ्तार भी बदलेगी। लोग कह रहे हैं – “अब खेत से घर तक जाना है तो इलेक्ट्रिक स्कूटर पर ही जाना है।” शहरों की तरह अब गांव भी टेक्नोलॉजी के मामले में पीछे नहीं रहना चाहता, और इलेक्ट्रिक स्कूटर उस बदलाव की पहली सीढ़ी बन चुका है। अब ये सिर्फ एक गाड़ी नहीं, बल्कि गांव की नई पहचान बन रही है – सस्ती, स्मार्ट और स्टाइलिश।
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