गाड़ी खरीदने से पहले जानिए E-CVT और CVT ट्रांसमिशन का फुल भेद, गांव की सवारी या शहर का स्टाइल?

गाड़ी खरीदते समय अक्सर लोग इंजन और माइलेज पर ध्यान देते हैं, लेकिन ट्रांसमिशन टेक्नोलॉजी भी उतनी ही अहम होती है। CVT और E-CVT जैसे नाम सुनते ही कई लोग कंफ्यूज़ हो जाते हैं। अगर आप भी सोच रहे हैं कि इन दोनों ट्रांसमिशन में क्या अंतर है और कौन सी आपके लिए बेहतर है, तो अब आपकी उलझन दूर होने वाली है। इस लेख में हम समझेंगे कि CVT और E-CVT ट्रांसमिशन में असली फर्क क्या है और इनका देसी कनेक्शन कैसे जुड़ता है।

CVT ट्रांसमिशन: एकदम स्मूद लेकिन थोड़ा अलग अंदाज़ में

CVT यानी Continuously Variable Transmission ऐसी तकनीक है जिसमें गियर शिफ्ट नहीं होता, बल्कि पावर को बिना झटकों के सीधा इंजन से व्हील्स तक पहुंचाया जाता है। इसमें पारंपरिक गियरबॉक्स की तरह गियर सेट नहीं होते, बल्कि दो पुली और एक बेल्ट के ज़रिए पावर को मैनेज किया जाता है। यही वजह है कि गाड़ी चलाते समय आपको कोई झटका नहीं लगता और गाड़ी स्मूद तरीके से रफ्तार पकड़ती है।

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भारत में CVT ट्रांसमिशन वाले वाहन जैसे कि Honda City CVT, Nissan Magnite CVT और Maruti Suzuki Baleno CVT लोगों को खूब पसंद आते हैं। इन गाड़ियों की खासियत यही है कि ये ज्यादा आरामदायक ड्राइव देती हैं, खासकर शहरों के ट्रैफिक में। CVT ट्रांसमिशन वाली कारें माइलेज के मामले में भी ठीक-ठाक प्रदर्शन करती हैं और इनका मेंटेनेंस भी ज्यादा नहीं होता।

E-CVT ट्रांसमिशन: इलेक्ट्रिक और पेट्रोल का कमाल का मेल

अब बात करते हैं E-CVT की, जो कि खास तौर पर Hybrid गाड़ियों में देखने को मिलती है। E-CVT यानी Electronically Controlled Continuously Variable Transmission, एक ऐसी तकनीक है जिसमें इंजन के साथ-साथ इलेक्ट्रिक मोटर भी काम करती है। इसमें कोई फिजिकल गियर नहीं होता, बल्कि एक खास इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम के ज़रिए पावर को बांटा जाता है।

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E-CVT ट्रांसमिशन Toyota और Honda जैसी कंपनियों की Hybrid कारों में मिलता है। जैसे Toyota Prius, Toyota Camry Hybrid और Honda City e:HEV में E-CVT का इस्तेमाल किया गया है। इस ट्रांसमिशन में पेट्रोल इंजन और इलेक्ट्रिक मोटर दोनों मिलकर गाड़ी को चलाते हैं, जिससे गाड़ी ज्यादा फ्यूल एफिशिएंट बनती है और स्मूद राइड का अनुभव देती है।

CVT और E-CVT में असली फर्क क्या है?

अब सवाल ये है कि CVT और E-CVT में असली फर्क क्या है? सबसे बड़ा अंतर यह है कि CVT पूरी तरह मैकेनिकल सिस्टम होता है जबकि E-CVT इलेक्ट्रॉनिक और हाइब्रिड सिस्टम पर आधारित होता है। CVT सिर्फ इंजन से पावर लेता है जबकि E-CVT इंजन के साथ इलेक्ट्रिक मोटर को भी शामिल करता है।

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CVT ट्रांसमिशन में बेल्ट और पुली का इस्तेमाल होता है, जबकि E-CVT में गियर सेटिंग्स की बजाय इलेक्ट्रॉनिक कंट्रोल और मोटर पावर का तालमेल होता है। इससे E-CVT ज्यादा एफिशिएंट बन जाता है, खासकर तब जब आप स्टार्ट-स्टॉप ट्रैफिक में गाड़ी चला रहे हों।

देसी सड़कों और चलन के हिसाब से कौन बेहतर?

अगर बात करें देसी सड़कों और आम भारतीय यूज़र्स की, तो CVT ट्रांसमिशन अभी भी ज्यादा लोकप्रिय है क्योंकि ये ज्यादा किफायती और मेंटेनेंस में सस्ता पड़ता है। Honda Amaze CVT जैसी कारें छोटे शहरों से लेकर मेट्रो सिटीज़ तक चलन में हैं।

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वहीं E-CVT ट्रांसमिशन अभी ज्यादा महंगे Hybrid वाहनों में आता है, लेकिन जो लोग लॉन्ग टर्म माइलेज और पर्यावरण को लेकर सजग हैं, उनके लिए ये एक शानदार विकल्प हो सकता है। Hybrid गाड़ियाँ अब धीरे-धीरे भारत में भी पॉपुलर हो रही हैं और ऐसे में E-CVT ट्रांसमिशन की मांग भी बढ़ने लगी है।

अब ट्रांसमिशन भी बन गया है स्टाइल और समझदारी का हिस्सा

जहां एक तरफ लोग गाड़ी का कलर, लुक और ब्रांड देखकर खरीदारी करते थे, अब ट्रांसमिशन भी खरीदने का अहम पैमाना बन चुका है। CVT और E-CVT ट्रांसमिशन के बारे में जानकारी होना आज के समय में बेहद जरूरी है क्योंकि यही आपकी ड्राइविंग स्टाइल, माइलेज और मेंटेनेंस पर सीधा असर डालता है।

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CVT ट्रांसमिशन आपको शहर में स्मूद राइड देता है, जबकि E-CVT उन लोगों के लिए है जो Hybrid टेक्नोलॉजी का फायदा लेना चाहते हैं। यानी अब गाड़ी सिर्फ एक सवारी नहीं, बल्कि एक समझदारी बन गई है, और ट्रांसमिशन का चुनाव इसमें बड़ा रोल निभाता है।

डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सूचना के लिए है। किसी भी निर्णय से पहले स्वयं शोध करें। लेखक या प्रकाशक किसी नुकसान के लिए ज़िम्मेदार नहीं हैं।

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