mParivahan : मान लीजिए आपके घर के सामने कोई संदिग्ध गाड़ी घंटों से खड़ी है, या रास्ते में कोई बाइक एक्सीडेंट कर भाग गया है, और आपको बस नंबर प्लेट दिखी है – तो जनाब परेशान होने की जरूरत नहीं। अब आप घर बैठे केवल नंबर डालकर यह जान सकते हैं कि गाड़ी का मालिक कौन है, उसकी गाड़ी कब रजिस्टर हुई और इंश्योरेंस वैध है या नहीं। और यह सब आप कर सकते हैं mParivahan ऐप की मदद से। जी हां, mParivahan से गाड़ी की नंबर प्लेट से ओनर की जानकारी मिलना अब बहुत ही आसान हो गया है।
क्या है mParivahan ऐप और क्यों है खास
mParivahan भारत सरकार का आधिकारिक मोबाइल ऐप है, जो सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के अधीन काम करता है। यह ऐप खासतौर से उन लोगों के लिए बना है जो गाड़ियों की जानकारी तुरंत पाना चाहते हैं। चाहे कार हो या बाइक, नंबर प्लेट से ओनर की डिटेल्स चुटकियों में सामने आ जाती हैं। इस ऐप के जरिए गाड़ी के रजिस्ट्रेशन की स्थिति, फिटनेस, इंश्योरेंस, पॉल्यूशन सर्टिफिकेट जैसी जानकारियां भी मिल जाती हैं।
गाड़ी की नंबर प्लेट से ओनर की जानकारी कैसे पाएं?
अगर आप जानना चाहते हैं कि किसी गाड़ी का ओनर कौन है तो आपको सबसे पहले Google Play Store या Apple App Store से mParivahan ऐप डाउनलोड करना होगा। ऐप इंस्टॉल होने के बाद मोबाइल नंबर से OTP के जरिए लॉगिन करना होता है। एक बार लॉगिन हो जाने के बाद आप 6 अंकों का MPIN सेट कर लें, जिससे अगली बार लॉगिन करना आसान हो जाए।
अब ऐप में “RC Status” या “Search Vehicle” नाम से ऑप्शन दिखाई देगा। यहां आपको उस गाड़ी का नंबर डालना है जिसकी जानकारी चाहिए, जैसे कि “UP32AB1234”। बस इसके बाद जैसे ही आप सर्च पर क्लिक करेंगे, उस गाड़ी से जुड़ी सारी जानकारी स्क्रीन पर आ जाएगी। इसमें मालिक का पहला नाम, वाहन का प्रकार, मॉडल, रजिस्ट्रेशन की तारीख, इंश्योरेंस की वैधता और फिटनेस की जानकारी शामिल होगी।
क्या ये तरीका पूरी तरह से लीगल है?
mParivahan ऐप पूरी तरह से कानूनी और सुरक्षित है क्योंकि इसे भारत सरकार ने खुद विकसित किया है। ट्रैफिक पुलिस और जांच एजेंसियां भी इसी ऐप के जरिए जानकारी निकालती हैं। इसलिए अगर आप किसी हादसे, चोरी या ट्रैफिक उल्लंघन में शामिल वाहन की पहचान करना चाहते हैं तो mParivahan ऐप का इस्तेमाल बेहिचक कर सकते हैं।
हालांकि, कुछ थर्ड पार्टी ऐप्स भी इस तरह की जानकारी देने का दावा करते हैं लेकिन उनकी विश्वसनीयता पर सवाल उठते रहे हैं। इसलिए विशेषज्ञ भी सलाह देते हैं कि केवल mParivahan ऐप या Vahan पोर्टल का ही उपयोग किया जाए। इससे न सिर्फ सही जानकारी मिलती है बल्कि आपकी निजी जानकारी भी सुरक्षित रहती है।
गोपनीयता का भी रखा गया है पूरा ध्यान
हालांकि ऐप ओनर का नाम और रजिस्ट्रेशन डिटेल्स दिखाता है, लेकिन गोपनीयता के मद्देनजर पूरा पता, मोबाइल नंबर और आधार डिटेल्स जैसी संवेदनशील जानकारी नहीं दिखाई जाती। यह फीचर सरकार ने साइबर सिक्योरिटी को ध्यान में रखते हुए लागू किया है ताकि इसका दुरुपयोग न हो।
गाड़ी से जुड़ी दूसरी जानकारियां भी होती हैं उपलब्ध
mParivahan ऐप सिर्फ ओनर की जानकारी ही नहीं देता, बल्कि और भी कई जानकारियां इस ऐप से मिलती हैं। जैसे आपकी खुद की गाड़ी हो तो उसका रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (RC), ड्राइविंग लाइसेंस की वैधता, इंश्योरेंस अपडेट, पॉल्यूशन सर्टिफिकेट की स्थिति, चालान आदि भी आप यहीं से देख सकते हैं। इसके अलावा डिजिटल ड्राइविंग लाइसेंस और RC की सुविधा भी mParivahan ऐप में मिलती है जो किसी भी ट्रैफिक चेक में वैध मानी जाती है।
अब सोचिए आप किसी शादी या पार्टी में गए और किसी ने आपकी बाइक को टक्कर मार दी और भाग गया। बस आपको नंबर प्लेट याद है। ऐसे में आप mParivahan ऐप खोलिए, नंबर डालिए और पता कर लीजिए कि गाड़ी किसकी है। या किसी पुरानी सेकंड हैंड गाड़ी को खरीदने का सोच रहे हैं? बस नंबर डालिए और देखिए कि गाड़ी पर कोई चालान तो नहीं, इंश्योरेंस वैध है या नहीं।
आज के डिजिटल जमाने में गाड़ी की नंबर प्लेट से ओनर की जानकारी निकालना अब कोई बड़ी बात नहीं रह गई है। सरकार के mParivahan जैसे ऐप्स ने आम आदमी को भी यह ताकत दी है कि वो जरूरत पड़ने पर बिना किसी दलाल या एजेंट के, अपने फोन पर गाड़ी की जानकारी देख सके। हां, ध्यान इतना जरूर रखें कि इस सुविधा का गलत उपयोग न हो। अगर सही तरीके से इस्तेमाल करें तो यह ऐप कई मामलों में आपकी बड़ी मदद कर सकता है।
यह लेख केवल सूचना के लिए है। किसी भी निर्णय से पहले स्वयं शोध करें। जानकारी पब्लिक डोमेन में उपलब्ध विभिन्न स्रोतों से ली गई है।