5 मिनट में चार्ज, पेट्रोल से भी तेज: Fiat का बैटरी स्वैपिंग सिस्टम बदल देगा इलेक्ट्रिक कारों का खेल
जरा सोचिए, जब गांव की परचून की दुकान से बिस्किट लाने जितना टाइम लगे, और आपकी कार फुल चार्ज होकर तैयार हो जाए! जी हां, अब पेट्रोल-डीजल भरवाने जितनी देर में इलेक्ट्रिक कारें भी चार्ज होकर निकल सकती हैं। ये कोई ख्वाब नहीं, बल्कि Fiat जैसी जानी-मानी कंपनी ने इसे हकीकत बना दिया है। यूरोप में शुरू हुई इस नई तकनीक की चर्चा अब देसी सड़कों तक पहुंच रही है।
Fiat की बैटरी स्वैपिंग तकनीक ने मचाई धूम
इटली की ऑटोमोबाइल कंपनी Fiat ने स्पेन की राजधानी मैड्रिड में अपना पहला बैटरी स्वैपिंग स्टेशन स्थापित कर दिया है। ये स्टेशन इस तरह डिजाइन किया गया है कि कार की बैटरी को महज कुछ मिनटों में बदला जा सके। यानी जैसे गांव में दूध लेने जाते-जाते चाय उबल जाती है, वैसे ही अब गाड़ी की बैटरी भी झटपट बदली जा सकेगी।
बैटरी स्वैपिंग तकनीक का मतलब है कि कार की बैटरी को निकाला जाएगा और नई फुल चार्ज बैटरी कुछ ही सेकंड्स में लगा दी जाएगी। और ये सारा झंझट 5 मिनट से भी कम वक्त में हो जाएगा। इस तकनीक से इलेक्ट्रिक गाड़ियों का सबसे बड़ा डर—चार्जिंग टाइम और रेंज—अब हवा हो गया है।
5 मिनट से कम में फुल चार्ज, अब नहीं होगी भागदौड़
Fiat ने इस बैटरी स्वैपिंग तकनीक में Ample नाम की कंपनी के बैटरी पैक इस्तेमाल किए हैं, जो खासतौर पर छोटे आकार की Fiat 500e जैसी कारों के लिए बनाए गए हैं। कंपनी का दावा है कि ग्राहक पेट्रोल भरवाने जितने समय में बैटरी को बदलवा सकते हैं और फिर से पूरी चार्जिंग के साथ सफर पर निकल सकते हैं।
चलिए इसे देसी भाषा में समझते हैं—जिस वक्त में आप अपने Bullet में 300 रुपये का पेट्रोल भरवाते हैं, उतनी ही देर में आपकी इलेक्ट्रिक Fiat गाड़ी में नई बैटरी लग जाएगी और वो भी बिना किसी झंझट या बिजली की लाइन में लगने के।
चीन भी पीछे नहीं, लेकिन अब यूरोप से मिल रही टक्कर
चीन की कंपनी Nio ने बैटरी स्वैपिंग में पहले ही बड़ी छलांग मारी है। अब तक उसने 6.7 करोड़ से ज्यादा बैटरी स्वैप पूरे कर लिए हैं। उसके देश में 3,400 से ज्यादा स्वैप स्टेशन हैं, और यूरोप में Shell कंपनी के साथ मिलकर 30 से ज्यादा स्टेशन खोले जा चुके हैं, जिनमें नीदरलैंड और डेनमार्क भी शामिल हैं।
इन स्टेशनों पर अब ढाई मिनट में बैटरी बदली जा सकती है। और अब जब Fiat जैसी यूरोपीय कंपनी इस रेस में कूद गई है, तो मुकाबला और भी तगड़ा हो गया है। चीन की CATL जैसी बड़ी बैटरी निर्माता कंपनी भी अब Sinopec के साथ मिलकर पूरे देश में बैटरी स्वैपिंग सिस्टम बिछा रही है।
भारत में कब आएगा ये जादुई सिस्टम?
अब देसी सवाल यही उठता है कि Fiat की ये तकनीक भारत कब पहुंचेगी? जहां Ola, Ather और TVS जैसी कंपनियां अब भी फास्ट चार्जिंग स्टेशनों पर काम कर रही हैं, वहीं अगर बैटरी स्वैपिंग जैसी तकनीक यहां आ गई, तो कह सकते हैं कि गांव से लेकर शहर तक इलेक्ट्रिक क्रांति आ जाएगी।
भारत जैसे देश में, जहां बिजली की समस्या और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी एक बड़ी रुकावट है, वहां अगर 5 मिनट में बैटरी बदलने वाला सिस्टम लग जाए, तो पेट्रोल-डीजल की गाड़ियों को सच में नमस्ते करना पड़ सकता है।
इलेक्ट्रिक कारों का जमाना आ गया, अब रुकने वाला नहीं
अब वो दिन दूर नहीं जब गांव की सड़क पर भी लोग कहेंगे, “अरे भइया, बैटरी बदलवा के आए हैं, नई वाली लगवाई है, अब दिल्ली तक बिना रुके चलेंगे।” बैटरी स्वैपिंग तकनीक से सिर्फ समय ही नहीं बचेगा, बल्कि यह पर्यावरण के लिए भी एक बड़ा तोहफा साबित होगा।
Fiat की पहल से ये साफ है कि इलेक्ट्रिक गाड़ियों की दुनिया में अब सिर्फ चीन ही नहीं, यूरोप और बाकी दुनिया भी बड़ा दांव खेल रही है। और जब तकनीक ऐसी हो, जो पेट्रोल से भी तेज हो, तो बदलाव होना तय है।
तो भाइयों और बहनों, अगर आप भी सोचते हैं कि इलेक्ट्रिक कारें चार्ज होने में घंटा-डेढ़ घंटा लगाती हैं, तो अब सोच बदलने का समय आ गया है। Fiat ने दिखा दिया है कि अगर इरादा पक्का हो, तो कार की बैटरी भी पांच मिनट में बदल सकती है। अब सवाल ये नहीं कि इलेक्ट्रिक कार लेनी है या नहीं, सवाल ये है कि आप कितनी जल्दी पेट्रोल छोड़कर भविष्य की सवारी चुनते हैं।
क्योंकि अब जमाना बदल चुका है, और इलेक्ट्रिक गाड़ी भी अब कह रही है – “पांच मिनट दो, फुल एनर्जी लो।”
यह लेख केवल सूचना के लिए है। किसी भी निर्णय से पहले स्वयं शोध करें। जानकारी पब्लिक डोमेन में उपलब्ध विभिन्न सोर्सेस से ली गई है।