Petrol Pump Scam : पेट्रोल के दामों ने आम आदमी की कमर पहले ही तोड़ रखी है, ऊपर से अगर पेट्रोल पंप पर चोरी भी होने लगे तो सोचिए क्या हाल होगा! लेकिन आप ही हैं जो इस खेल को पकड़ सकते हैं — अगर आंखें खुली रखी जाएं। आज हम आपको बताएंगे पेट्रोल पंप पर होने वाली एक खास ‘जंप ट्रिक’ धोखाधड़ी के बारे में और उसका देसी इलाज।
Petrol Pump Scam
अगर आपके पास बाइक, स्कूटर या कार है, तो पेट्रोल पंप से आपका रोज का वास्ता होता है। लेकिन क्या आपने कभी नोटिस किया कि कभी-कभी पेट्रोल भरवाने के बाद भी गाड़ी जल्दी खाली क्यों हो जाती है? इसकी एक बड़ी वजह हो सकती है कि पेट्रोल पंप वाले आपके साथ ‘जंप ट्रिक’ के जरिए धोखा कर रहे हैं।
इस ट्रिक में मशीन का मीटर 0 से शुरू तो होता है, लेकिन कुछ नंबरों को स्किप करते हुए सीधा 5, 6 या उससे ऊपर की संख्या पर पहुंच जाता है। इससे होता यह है कि आपको कम पेट्रोल मिलता है लेकिन पैसा पूरा लिया जाता है। और आप सोचते रह जाते हैं कि पेट्रोल गया कहां!
पेट्रोल चोरी रोकने के लिए अपनाएं ये देसी नुस्खा
जब भी पेट्रोल डलवाएं, खुद अपनी आंखों से मीटर की हर रीडिंग को देखें। सिर्फ 0 दिखने पर ही भरोसा न करें। पेट्रोल पंप पर काम करने वाले कर्मचारी कई बार इतनी तेजी से मशीन स्टार्ट करते हैं कि 0 के बाद सीधे 5 या 6 पर पहुंच जाते हैं। अगर ऐसा देखें, तो बिना झिझक तुरंत सवाल करें।
ध्यान रखें कि मीटर की गति सामान्य होनी चाहिए और हर नंबर धीरे-धीरे बढ़ना चाहिए। अगर आपको लगे कि कुछ नंबर स्किप हो रहे हैं, तो तुरंत डीलर से शिकायत करें और जरूरत हो तो टोल फ्री नंबर पर कॉल करें।
डेंसिटी चेक करें – पेट्रोल की असली पहचान
केवल मीटर की रीडिंग देखना ही काफी नहीं है। पेट्रोल की डेंसिटी यानी उसकी गुणवत्ता भी उतनी ही जरूरी है। डेंसिटी को जांचने के लिए पेट्रोल पंप पर एक खास मीटर होता है जिसमें यह देखा जा सकता है कि पेट्रोल कितना शुद्ध है।
अगर आपको डेंसिटी बार-बार कम या अनियमित दिखे, तो समझिए कि तेल में मिलावट हो सकती है। खासकर बारिश के मौसम में इस तरह की गड़बड़ियां ज्यादा होती हैं।
कहां करें शिकायत अगर पेट्रोल पंप पर लूट हुई?
अगर आपको शक है कि पेट्रोल कम डाला गया या तेल में मिलावट है, तो तुरंत शिकायत दर्ज करें। हर तेल कंपनी ने अपने टोल फ्री नंबर जारी किए हैं:
HPCL: 1800-2333-555
BPCL: 1800-22-4344
Indian Oil: 1800-2333-555
इसके अलावा आप केंद्र सरकार की आधिकारिक वेबसाइट https://pgportal.gov.in पर भी शिकायत दर्ज कर सकते हैं। अगर जांच में पेट्रोल पंप दोषी पाया गया तो उसका लाइसेंस तक रद्द हो सकता है।
गाँव हो या शहर, पेट्रोल पंप पर जाने वाला हर शख्स इस धोखाधड़ी का शिकार हो सकता है। आज की महंगाई में एक-एक रुपया कीमती है। जब हम सब्ज़ी खरीदते वक्त भी दो रुपये कम कराते हैं, तो फिर पेट्रोल पंप पर आंख मूंदकर भरोसा क्यों करें?
यही वो वक्त है जब आपको ‘चालाक ग्राहक’ बनना है। पेट्रोल पंप वाले अगर चतुर हैं, तो आपको उनसे ज्यादा होशियार बनना पड़ेगा। जब आप हर रीडिंग पर नज़र रखेंगे, डेंसिटी चेक करेंगे और अनियमितता पर तुरंत सवाल उठाएंगे, तब जाकर पेट्रोल चोरी बंद होगी।
हर रोज लाखों लोग पेट्रोल पंप पर जाकर बिना देखे पेट्रोल डलवाते हैं और वापस चले आते हैं। यही आदत धोखाधड़ी का रास्ता खोलती है। अगर आप जागरूक हो जाएंगे, तो पेट्रोल पंप पर चल रही ये चोरी की दुकान बंद हो जाएगी।
याद रखिए – ग्राहक राजा होता है, लेकिन तब जब वो चौकन्ना भी हो! अगली बार जब पेट्रोल पंप जाएं, तो सिर्फ जेब नहीं, आंखें भी खोलकर रखें।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सूचना के लिए है। किसी भी निर्णय से पहले स्वयं शोध करें। jaankari public domain me upalbh vibhinn sources se li gyi hai.