अब जो लोग ऑफिस पहुंचने के लिए बस या ऑटो के भरोसे बैठे रहते थे, उनके लिए खुशखबरी है। जल्द ही bike taxi फिर से सड़कों पर नजर आने वाली है और इस बार कुछ नए नियमों के साथ। जिन शहरों में पहले यह सेवा बंद कर दी गई थी, वहां अब सरकार ने फिर से हरी झंडी दे दी है। यानी अब बिना झंझट के लोग कम किराए में तेज़ और स्मार्ट सफर कर पाएंगे।
नए नियमों के साथ bike taxi की वापसी
भारत में bike taxi का चलन पिछले कुछ सालों में काफी तेजी से बढ़ा है, खासकर मेट्रो सिटी से लेकर छोटे शहरों तक। लेकिन नियमों की कमी और क्लियर गाइडलाइन न होने के चलते कई राज्यों ने इस सेवा पर रोक लगा दी थी। अब सरकार ने इस क्षेत्र को दोबारा व्यवस्थित करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। नए नियमों के अनुसार bike taxi सेवाओं को पूरी तरह से डिजिटल और सुरक्षित बनाने की कोशिश की जा रही है।
इन नियमों में यह साफ किया गया है कि bike taxi केवल उन्हीं ड्राइवर्स को चलाने की अनुमति दी जाएगी जो पंजीकृत और अधिकृत होंगे। इसके अलावा हर बाइक पर GPS, पैनिक बटन और हेलमेट की सुविधा अनिवार्य होगी। इससे न केवल यात्रियों की सुरक्षा बढ़ेगी बल्कि यह भी सुनिश्चित होगा कि कोई अवैध गतिविधि bike taxi के जरिए न हो।
electric bike taxi पर खास जोर
नए नियमों में electric bike taxi को लेकर सरकार ने विशेष रुचि दिखाई है। देश में बढ़ते प्रदूषण और ईंधन की बढ़ती कीमतों को ध्यान में रखते हुए अब electric bike taxi को ज्यादा प्राथमिकता दी जाएगी। इसका मतलब है कि आने वाले समय में बाजार में electric bike taxi की संख्या तेजी से बढ़ेगी और यह सस्ता, साफ और पर्यावरण के अनुकूल सफर उपलब्ध कराएगी।
electric वाहन चालकों को टैक्स में छूट, स्पेशल पार्किंग स्पेस और फास्ट टैग जैसी सुविधाएं देने की बात भी सामने आई है। इससे एक ओर जहां ड्राइवर्स को राहत मिलेगी वहीं दूसरी ओर यात्रियों को भी कम किराए में बेहतर सेवा मिलेगी।
app-based सेवा से सफर होगा और आसान
bike taxi को अब पूरी तरह app से जोड़ दिया जाएगा। इसका मतलब यह है कि यात्री किसी भी वक्त अपने मोबाइल पर app खोलकर bike taxi बुक कर सकेंगे और उनका राइडर सीधे घर या गली तक पहुंच जाएगा। इसके अलावा यात्रा के दौरान रियल-टाइम ट्रैकिंग, ड्राइवर की पहचान, रेटिंग और फीडबैक जैसे फीचर्स भी उपलब्ध होंगे जिससे पूरा अनुभव और पारदर्शी हो जाएगा।
app-based service में अब पेमेंट ऑप्शन भी डिजिटल होंगे जैसे कि UPI, वॉलेट या कार्ड से पेमेंट। इससे कैश की झंझट खत्म होगी और दोनों यात्रियों और राइडर्स के लिए चीजें आसान होंगी।
ग्रामीण इलाकों और छोटे शहरों को भी मिलेगा फायदा
अब bike taxi सिर्फ मेट्रो शहरों तक सीमित नहीं रहेगी। सरकार की योजना है कि इसे छोटे शहरों और ग्रामीण इलाकों तक भी पहुंचाया जाए। इससे न केवल स्थानीय युवाओं को रोजगार मिलेगा बल्कि सस्ते और तेज़ ट्रांसपोर्ट की समस्या भी हल होगी। जिन जगहों पर बस या ऑटो नहीं पहुंचते, वहां bike taxi लोगों के लिए वरदान साबित हो सकती है।
इसके अलावा गांवों में जहां कई बार मेडिकल इमरजेंसी या स्कूल-कॉलेज के लिए टाइम पर साधन नहीं मिल पाता, वहां bike taxi राहत दे सकती है। महिला यात्रियों के लिए भी सेफ्टी फीचर्स को देखते हुए यह सेवा भरोसेमंद साबित हो सकती है।
किराया होगा जेब पर हल्का, सेवा पूरी दमदार
सरकार ने bike taxi के किराए को लेकर भी गाइडलाइन तय करने की बात कही है जिससे यात्रियों से मनमाना पैसा वसूलने की नौबत न आए। प्रति किलोमीटर दर को राज्य सरकारें तय करेंगी लेकिन यह सुनिश्चित किया जाएगा कि यह सेवा आम जनता की पहुंच में हो। अनुमान है कि किराया ऑटो या कार से काफी सस्ता होगा।
इतना ही नहीं, अब बाइक राइडर्स को सरकार की ओर से ट्रेनिंग, बीमा और हेल्थ चेकअप जैसी सुविधाएं भी दी जाएंगी ताकि वे बिना किसी जोखिम के यह काम कर सकें। इससे रोजगार में बढ़ोतरी भी होगी और ट्रैफिक का बोझ भी कम होगा।
अब बाइक नहीं, टैक्सी बनकर चलेगी सड़कों पर
जो बाइकें पहले सिर्फ पर्सनल यूज़ में आती थीं, अब वो टैक्सी बनकर रोज़गार का जरिया बनेंगी। और ये कोई छोटी-मोटी बात नहीं है। हजारों युवा जो नौकरी की तलाश में हैं, अब अपनी बाइक के ज़रिए पैसा कमा सकेंगे। सरकार का प्लान यही है कि टेक्नोलॉजी और सुविधा दोनों को मिलाकर एक ऐसा सिस्टम बनाया जाए जो पूरे देश में काम करे और सबके लिए फायदेमंद हो।
जैसे-जैसे ये bike taxi सिस्टम और पॉलिसी मजबूत होगी, वैसे-वैसे लोगों का भरोसा भी बढ़ेगा। अब सफर के नाम पर महंगे टैक्सी या बस के झंझट में नहीं पड़ना पड़ेगा। बस app खोलिए, हेलमेट पहनिए और हवा से बात करिए। सड़क पर अब सिर्फ बाइक नहीं, नई bike taxi दौड़ेगी – फुल स्पीड में, फुल भरोसे के साथ।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सूचना के लिए है। किसी भी निर्णय से पहले स्वयं शोध करें। लेखक या प्रकाशक किसी नुकसान के लिए ज़िम्मेदार नहीं हैं।