अगर आप सोचते हैं कि डीज़ल गाड़ियों का ज़माना खत्म हो गया है, तो ज़रा रुकिए! हाल ही में जारी हुए आंकड़े बता रहे हैं कि भारत में अब भी डीज़ल इंजन वाली गाड़ियों की जबरदस्त मांग है। खासकर उत्तर भारत में, जहां लंबा सफर और खराब सड़कों का खेल है, वहां डीज़ल गाड़ियों की धाक अब भी बरकरार है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में डीज़ल कारों की बिक्री के आंकड़े सामने आए हैं और Mahindra Scorpio ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं।
Mahindra Scorpio ने फिर मारी बाज़ी, बना डीज़ल मार्केट का राजा
वित्तीय वर्ष 2025 में सबसे ज़्यादा बिकने वाली डीज़ल गाड़ी Mahindra Scorpio रही है। Scorpio की बिक्री 1.34 लाख यूनिट्स के पार पहुंच गई, जो दिखाता है कि इस SUV की पकड़ बाजार में कितनी मजबूत है। चाहे गांव हो या शहर, Scorpio का रुतबा हर जगह कायम है। इसके दमदार इंजन, मजबूत बॉडी और ऑफ-रोडिंग क्षमता के चलते यह कार आम लोगों के साथ-साथ सरकारी विभागों की भी पहली पसंद बन चुकी है।
Scorpio की कामयाबी बताती है कि डीज़ल कारों को अब भी वही प्यार मिल रहा है, खासकर उन इलाकों में जहां लोग पावर और टिकाऊपन को तवज्जो देते हैं। Mahindra ने अपने इस मॉडल को समय-समय पर अपडेट किया है, जिससे इसकी मांग लगातार बनी हुई है।
Bolero और Creta की भी हुई जबरदस्त बिक्री
Scorpio के बाद जो नाम सबसे ऊपर रहा, वो है Mahindra Bolero का। Bolero की लगभग 1.05 लाख यूनिट्स बिकीं, जो इस बात का सबूत है कि ये SUV अब भी आम भारतीय परिवारों की दिली पसंद है। खासकर छोटे शहरों और गांवों में Bolero को लोग इसकी ताकत, कम कीमत और कम मेंटेनेंस के लिए खरीदते हैं।
तीसरे नंबर पर रही Hyundai Creta, जिसने लगभग 1.03 लाख यूनिट्स की बिक्री दर्ज की। Creta का नाम सुनते ही शहरों की चमचमाती सड़कें और स्टाइलिश लुक दिमाग में आ जाता है। लेकिन इसकी डीज़ल वेरिएंट ने साबित किया है कि यह सिर्फ शो के लिए नहीं, दमखम में भी किसी से कम नहीं है। Creta उन ग्राहकों के लिए बेस्ट है जो सेफ्टी, स्टाइल और माइलेज को एक पैकेज में चाहते हैं।
Toyota Innova, Fortuner और Thar ने भी दिखाई ताकत
Hyundai Creta के बाद जो गाड़ियां लिस्ट में नजर आईं, उनमें Toyota Innova और Toyota Fortuner जैसे नाम शामिल हैं। Innova Crysta ने लगभग 48,000 यूनिट्स और Fortuner ने 34,000 यूनिट्स से ज्यादा की बिक्री की। इन दोनों गाड़ियों की खास बात ये है कि ये लंबी दूरी के सफर में बेहद आरामदायक हैं और टैक्सी इंडस्ट्री में इनकी पकड़ मजबूत बनी हुई है।
इसके अलावा Mahindra Thar की भी अच्छी-खासी बिक्री रही। Thar की करीब 47,000 यूनिट्स बिकीं, जो दिखाता है कि ये SUV सिर्फ एडवेंचर लवर्स की नहीं, अब आम जनता की भी पसंद बन रही है। Thar के डीज़ल वेरिएंट को खासकर युवा ग्राहक पसंद कर रहे हैं, जो इसे अपने लाइफस्टाइल का हिस्सा मानते हैं।
Tata Nexon और Kia Seltos ने भी दी टक्कर
Tata Nexon और Kia Seltos भी डीज़ल कारों की इस रेस में पीछे नहीं रही हैं। Nexon की करीब 36,000 यूनिट्स और Seltos की लगभग 34,000 यूनिट्स बिकीं। Nexon की खासियत इसकी मजबूती और Tata की भरोसेमंद सर्विस है, वहीं Seltos ने अपने फीचर्स और स्मार्ट लुक के चलते युवाओं का दिल जीत लिया है।
इन आंकड़ों से साफ है कि डीज़ल गाड़ियों को लेकर अब भी बाजार में अच्छी डिमांड है। लोग डीज़ल कारों को लंबी दूरी, बेहतर टॉर्क और कम फ्यूल कॉस्ट के कारण चुनते हैं।
ग्रामीण भारत में डीज़ल गाड़ियों का जलवा बरकरार
अगर बात करें उत्तर भारत और खासकर ग्रामीण इलाकों की, तो यहां डीज़ल कारें आज भी पहली पसंद हैं। Mahindra Bolero और Scorpio जैसे मॉडल्स उन रास्तों के लिए आदर्श हैं, जहां सड़कों की हालत खराब होती है और भारी लोड में भी गाड़ी को झेलना पड़ता है। वहीं, Toyota Innova और Fortuner जैसी गाड़ियां उन लोगों की पसंद बन चुकी हैं जो आराम और रौब दोनों चाहते हैं।
ग्रामीण इलाके में रहने वाले लोगों के लिए माइलेज और मजबूती सबसे अहम होती है, और यही वजह है कि डीज़ल इंजन वाली गाड़ियों की मांग अब भी कायम है। जबकि शहरों में पेट्रोल और इलेक्ट्रिक गाड़ियों का बोलबाला है, गांव में अब भी डीज़ल को ही असली साथी माना जाता है।
SUV का जमाना और डीज़ल का दम
इस साल के आंकड़े ये भी दिखाते हैं कि भारतीय बाजार SUV की तरफ तेजी से बढ़ रहा है। और जब SUV की बात आती है, तो डीज़ल इंजन अपने पावर और परफॉर्मेंस के कारण लोगों की पहली पसंद बन जाता है। Mahindra Scorpio, Bolero, Thar जैसी गाड़ियों ने दिखा दिया है कि अगर सस्ता और टिकाऊ वाहन चाहिए तो डीज़ल ही सही रास्ता है।
2025 की शुरुआत के साथ ये साफ हो गया है कि डीज़ल गाड़ियों की रफ्तार अभी थमी नहीं है। चाहे स्टाइल चाहिए या स्टेमिना, भारतीय ग्राहक डीज़ल SUVs की तरफ ही भाग रहे हैं। और जब बात हो उत्तर भारत की, तो वहां Scorpio जैसी गाड़ी रौब के साथ सड़क पर चलती है। अब देखना ये होगा कि आने वाले महीनों में डीज़ल गाड़ियों का ये जादू बरकरार रहता है या इलेक्ट्रिक गाड़ियां बाज़ी मार लेती हैं।
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